लचीनी और शहद दोनों ही स्वास्थ्यवर्धक पदार्थ हैं। इन दोनों के अपने खास गुण हैं। अगर हम दालचीनी और शहद को एक साथ मिला कर खाएं तो क्या होगा? जी हां, दालचीनी और शहद को एक साथ मिक्स करके खाने या पीने से सेहत को गजब के लाभ देखने को मिलेंगे।
दालचीनी और शहद को एक साथ मिला कर लेने से क्या फायदे होते हैं? आपने घर के मसालों की रानी दालचीनी का कई बार उपयोग किया होगा लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि यह हर बीमारी का उपचार करने में सक्षम हैं और फिर दालचीनी और शहद एक दूसरे के साथ मिल जाएं तो फिर क्या कहने। अगर आप इन दोनों का मिश्रण होने पर इससे होने वाले लाभ के बारे में नही जानते हैं तो इस लेख को जरूर पढ़ें –
दालचीनी शहद को एक साथ मिला कर लेने के फायदे-
सर्दी-खांसी – सर्दी, खांसी और गले की समस्याओं में दालचीनी बेहद असरदार औषिधि के रूप में काम करती है। इसे पीस कर एक चम्मच शहद के साथ एक चुटकी खाने से जुकाम में आराम मिलता है। आप गर्म या गुनगुने पानी में दालचीनी पाउडर और शहद को मिला कर पी सकते हैं। दालचीनी के पाउडर को पीसी काली मिर्च के साथ लेने से भी राहत मिलती हैं। इससे पुराने कफ में भी राहत मिलती है।
दालचीनी के तेल का प्रयोग दर्द, घाव और सूजन को खत्म करने के लिए किया जाता है। यह त्वचा की खुजली को भी खत्म करने के साथ, दांतों के दर्द में भी राहत देती है। मुंह से बदबू आने की समस्या में दालचीनी को मुंह में रखकर चूसना बहुत ही लाभकारी होता है।
जोड़ों के दर्द में – जोड़ों में दर्द होने पर दालचीनी का प्रयोग आपको राहत देगा। इसके लिए रोजाना दालचीनी को गर्म पानी में मिला कर पीना चाहिए इसके अलावा इस गर्म पानी से दर्द वाली जगह पर मालिश करने से भी जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है।
इसके पानी को पीने से एक सप्ताह के भीतर ही दर्द से निजात मिल जाती है और एक महीने तक इसके सेवन से चलने-फिरने में असमर्थ लोग भी चलने-फिरने लगते हैं। अर्थराइटिस के दर्द में भी दालचीनी काफी फायदेमंद साबित होती है।
सिरदर्द – ठंडी हवा लगने या सर्दी के कारण होने वाले सिरदर्द में दालचीनी का लेप करना फायदेमंद होता है। गर्मी के कारण होने वाले सिरदर्द में दालचीनी और तेजपत्ते को मिश्री के साथ चावल के पानी में पीसकर सूंघने से सिर का दर्द दूर हो जाता है। इसके अलावा दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें तिल के तेल में मिला कर सिर पर मालिश करने से भी सिर का दर्द दूर हो जाता हैं।
दालचीनी को पानी में रगड़कर कनपटी पर गर्म लेप करने से भी आराम मिलता है। नियमित रूप से दालचीनी और शहद का सेवन करने से टेंशन से छुटकारा मिलता है, साथ ही याददाश्त भी बढ़ती है।
पेट के रोग – अपच, गैस, पेट दर्द और एसिडिटी जैसी समस्याओं में भी दालचीनी का पाउडर लेने से आराम मिलता हैं। इससे उल्टी-दस्त की समस्या में भी लाभ होता है और भोजन का पाचन बेहतर होता है। शहद और दालचीनी के पाउडर का मिश्रण लेने से पेट का अल्सर जड़ से ठीक हो जाता है।
कैंसर – दालचीनी के सेवन से कैंसर जैसे रोग पर कंट्रोल किया जा सकता है। वैज्ञानिकों ने पेट के कैंसर और हड्डी के बढ़ जाने की स्थिति में दालचीनी और शहद को फायदेमंद बताया है। एक महीने तक गर्म पानी में दालचीनी और शहद मिला कर पीने से फायदा होता है। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है, जिससे शरीर बीमारियों से लड़ने में ज्यादा ताकतवर बन जाता है।
कान की समस्या में – दालचीनी और शहद के मिश्रण का सेवन कान के रोग भी दूर करता है और बहरेपन की समस्या को भी खत्म करता है। दालचीनी के तेल की कुछ बूंदें कान में डालने से फायदा मिलता हैं। अस्थमा और लकवा होने पर भी यह बेहद फायदेमंद होता है।
दिल की बीमारी – दिल को सेहतमंद बनाने के लिए और दिल की बीमारियों पर कंट्रोल रखने के लिए दालचीनी मददगार होती है, क्योंकि यह दिल की धमनियो में कोलेस्ट्रॉल को जमने से रोकती है। हर रोज दालचीनी और शहद को गरम पानी के साथ मिला कर पिएं। आप दालचीनी और शहद के मिश्रण को रोटी के साथ भी खा सकते हैं। इसके अलावा दालचीनी को चाय में भी डालकर ले सकते हैं। इसके प्रयोग से हार्ट अटैक आने का खतरा काफी कम हो जाता है।
हेल्दी स्किन और बालों के लिए – स्किन और बालों को खूबसूरत बनाने में दालचीनी पीछे नही है। यह स्किन को निखारने के साथ ही झुर्रियों को कम करती है। दालचीनी पाउडर में नींबू का रस मिला कर लगाने से मुहांसे और ब्लैक हेड्स दूर होते हैं। एक नींबू के रस में दो बड़े चम्मच जैतून का तेल, एक कप चीनी, आधा कप दूध, दो चम्मच दालचीनी पाउडर मिला कर पांच मिनट तक शरीर पर लगाएं। इसके बाद नहा लें, त्वचा खिल उठेगी।
शहद और दालचीनी के पेस्ट को रात को सोने से पहले चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धो लें। इससे चेहरा चमकने लगेगा। गंजेपन या बालों के गिरने की समस्या में गरम जैतून के तेल में एक चम्मच शहद और एक चम्मच दालचीनी का पाउडर मिला कर पेस्ट बनाएं और इसे सिर और बालों पर लगाएं और पंद्रह मिनट के बाद इसे धो लें।
मोटापा दूर करने के लिए – मोटापे के लिए दालचीनी का सेवन एक रामबाण उपाय है। यह शरीर में कोलेस्टरॉल को कम करती है जिससे मोटापा नहीं बढ़ता हैं। इसके लिए दालचीनी की चाय बहुत फायदेमंद है।
एक चम्मच दालचीनी पाउडर को एक ग्लास पानी में उबाल कर आंच से उतार लें। इसके बाद उसमें दो बड़े चम्मच शहद मिला कर सुबह नाश्ता करने से आधा घंटे पहले पिएं। रात को सोने से पहले भी इसका सेवन करना दुगना फायदा करता है और फालतू फैट धीरे-धीरे बर्न हो जाता है। द
- संपदा जैन
हृदयाघात से बचने के कुछ आसान उपाय
ज से लगभग 3000 वर्ष पहले हमारे देश में एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे। उनका नाम था महर्षि वागवट। उन्होंने एक पुस्तक लिखी थी जिसक।ा नाम है ‘अष्टांग हृदयम’। इस पुस्तक में उन्होंने बीमारियों को ठीक करने के लिए 7000 सूत्रा लिखे थे। यहां हम उन्हीं में से एक सूत्रा दे रहे हैं।
महर्षि वागवट लिखते हैं कि कभी भी किसी को हृदय को घात हो रहा है या होने की संभावना है तो इसका मतलब है कि हृदय की नलियों में इसवबांहम होना शुरू हो रहा है। इसका मतलब है कि रक्त (इसववक) में (ंबपकपजल (अम्लता) बढ़ी हुई है।
अम्लता को अंग्रेजी में कहते हैं एसिडिटी। अम्लता यानी एसीडिटी दो तरह की होती है। एक होती है पेट की अम्लता और दूसरी होती है रक्त की अम्लता।
आपके पेट में अम्लता जब बढ़ती है तो आप कहेंगे –
- पेट में जलन सी हो रही है।
- खट्टी-खट्टी डकारें आ रही हैं।
- मुंह से पानी निकल रहा है।
और अगर ये अम्लता और बढ़ जाये तो ीलचमतंबपकपजल होगी और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त में आती है तो रक्त अम्लता होती है। जब इसववक में ंबपकपजल बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त (इसववक) दिल की नलियों में से निकल नहीं पाती और नलियों में इसवबांहम कर देता है तभी ीमंतज ंजजंबा होता है। इसके बिना ीमंतज ंजजंबा नहीं होता और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है।
इलाज क्या है?
महर्षि वागवट लिखते हैं कि जब रक्त में अम्लता बढ़ गई हो तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय हैं।
आप जानते हैं कि दो तरह की चीजें होती हैं, अम्लीय और क्षारीय। वागवट जी लिखते हैं कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय चीजें खानी चाहिए। क्षारीय चीजें खाने से जिंदगी में कभी हार्ट अटैक की संभावना नहीं होती।
ये है सारी कहानी –
अब आप पूछेंगे कि ऐसी कौन सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं और हम खायें तो आपकी रसोई में ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो क्षारीय हैं जिन्हें आप खायें तो ीमंतज ंजजंबा नहीं आ सकता और यदि आ जाये तो दुबारा न आए।
हम सब जानते हैं कि सबसे ज्यादा क्षारीय चीजें क्या हैं और सब के घरों में आसानी से उपलब्ध रहती हैं तो वह है लौकी जिसे दुधी भी कहते हैं और अंग्रेजी में इसे इवजजसम हवनतक कहते हैं। इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है। आप हर दिन लौकी का रस निकाल कर पियो या कच्ची लौकी खायो। हार्ट अटैक से बचने का सबसे सरल यही एक उपाय है। तभी तो वागवट जी कहते हैं कि रक्त की अम्लता कम करने की सबसे ज्यादा ताकत लौकी में ही है।
कैसे और कितना सेवन करें?
- लौकी के रस को रोज 200 से 300 मिलीग्राम पीना चाहिए।
- सुबह खाली पेट पी सकते हैं या फिर नाश्ते के आधे घंटे के बाद भी पी सकते हैं।
कुछ अन्य तरीकों से लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते हैं। इसमें 7 से 10 पत्ते तुलसी के डाल लो तुलसी बहुत क्षारीय है। इसके साथ आप पुदीने के 7 से 10 पत्ते मिला सकते हैं। पुदीना भी बहुत क्षारीय है। इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डालें क्योंकि ये भी बहुत क्षारीय है।
लेकिन याद रखें कि लौकी के रस में नमक काला या सेंधा ही डालें। दूसरा कोई भी आयोडीन युक्त नमक कभी न डालें क्योंकि आयोडीन युक्त नमक अम्लीय होते हैं।
लगभग 2 से 3 महीनों की अवधि में आपके हृदय की सारी इसवबांहम को ठीक कर देगा जबकि मात्रा 21 वें दिन ही आपको इसका असर दिखना भी शुरू हो जाएगा। घर में ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा। द
कैंसर का सबसे सस्ता इलाज
अब तक दुनिया भर में कैंसर के इलाज के लिए अरबों रुपए पानी की तरह बहा दिए गए हैं लेकिन कोई भी दवा पूरी तरह से कैंसर को जड़ से खत्म करने में नाकाम साबित हुई है। अब तक बाजार में जो दवाएं मौजूद हैं, वो सिर्फ कैंसर को बढ़ने से रोक देती हैं।
कैंसर के मरीजों के लिए एक बड़ी राहत वाली खबर आई है। दुनियाभर के वैज्ञानिक जिस बीमारी के लिए सालों से इलाज ढूंढ़ रहे थे उसका आखिरकार तोड़ मिल चुका है। वैज्ञानिकों का कहना है कि दो रुपए की ये चीज जड़ से खत्म कर सकती है कैंसर।
अमेरिका के लडविंग इंस्टीट्यूट फॉर कैंसर रिसर्च में अमेरिकी वैज्ञानिकों के दल ने हाल ही में कुछ नए शोध किए। इस टीम की अगुवाई मशहूर कैंसर वैज्ञानिक और जॉन हॉप्किंग यूनिवर्सिटी के ऑनकोलॉजिस्ट (कैंसर विशेषज्ञ) डॉ. ची. वान. डैंग ने की। उन्होंने कहा कि हम सालों तक रिसर्च कर चुके हैं और अब तक कैंसर के जो भी इलाज मौजूद हैं वे काफी महंगे हैं। हमने जो शोध किया उसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। आपके किचन में रखा बेकिंग सोडा कैंसर के लिए रामबाण औषधि है।
डॉ. डैंग के मुताबिक हमने बेकिंग सोडा पर लंबी रिसर्च की और जो परिणाम हमने अब तक सिर्फ सुने थे वो प्रमाणित हो गए। उन्होंने बताया कि यदि कैंसर का मरीज बेकिंग सोडा पानी के साथ मिलाकर पी लें तो कुछ ही दिनों में इसका असर दिखने लगेगा। उन्होंने बताया कि कीमोथेरेपी और महंगी दवाओं से भी तेजी से बेकिंग सोडा ट्यूमर सेल्स को न सिर्फ बढ़ने से रोकता है बल्कि उसे खत्म भी कर देता है।
डॉ. डैंग ने पूरी जानकारी देते हुए बताया कि हमारे शरीर में हर सेकेंड लाखों सेल्स खत्म होते हैं और नए सेल्स उनकी जगह ले लेते हैं लेकिन कई बार नए सेल्स के अंदर खून का संचार रुक जाता है और ऐसे ही सेल्स एक साथ इकट्ठा हो जाते हैं जो धीरे-धीरे बढ़ता है। इसी को ट्यूमर कहा जाता है। उन्होंने बताया कि हमने ब्रेस्ट और कोलोन कैंसर के ट्यूमर सेल्स पर बेकिंग सोडा के प्रभाव की जांच की और हमने पाया कि बेकिंग सोडा वाला पानी पीने के बाद जिस तेजी से ट्यूमर सेल्स बढ़ रहे थे तो वो काफी हद तक रुक गए।
उन्होंने बताया कि ट्यूमर सेल्स में आक्सीजन पूरी तरह खत्म हो जाती है तो उसे मेडिकल भाषा में हिपोक्सिया कहते हैं। हिपोक्सिया की वजह से तेजी से उस हिस्से का पीएच लेवल गिरने लगता है और ट्यूमर के ये सेल एसिड बनाने लगते हैं। इस एसिड की वजह से पूरे शरीर में भयंकर दर्द शुरू हो जाता है। अगर इन सेल्स का तुरंत इलाज न किया जाए तो ये कैंसर सेल्स में तब्दील हो जाते हैं।
डॉ. डैंग के मुताबिक बेकिंग सोडा मिला पानी पीने से शरीर का पीएच लेवल भी मेंटेन रहता है और एसिड वाली समस्या न के बराबर होती है। डॉ. डैंग ने बताया कि कई बार कीमोथेरेपी के बावजूद भी ऐसे कैंसर सेल्स शरीर में रह जाते हैं जो बाद में दोबारा से शरीर में कैंसर सेल्स बनाने लगते हैं। इन्हें टी (ज्) सेल्स कहते हैं। इन टी सेल्स को नाकाम सिर्फ बेकिंग सोडा से ही किया जा सकता है।
डॉ. वॉन डैंग ने कहा कि पहले भी ये बात आप सुन चुके होंगे कि बेकिंग सोडा कैंसर समेत कई बीमारियों का इलाज है लेकिन अब हम प्रामाणिक तौर पर कह सकते हैं कि कैंसर का सबसे सस्ता और अच्छा इलाज बेकिंग सोडा से मिला पानी है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों पर हमने प्रयोग किए उन्हें दो हफ्तों पर पानी में बेकिंग सोडा मिलाकर दिया और सिर्फ दो हफ्ते में उन लोगों के ट्यूमर सेल्स लगभग खत्म हो गई। टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के डॉ. राजेन्द्र ए. बडवे ने जोर देकर कहा कि यदि हर कोई इस समाचार को प्रसारित करता है, तो निश्चित रूप से समाज की बड़ी सेवा होगी।