‘अंत्योदय’ के विकास में प्रयत्नशील सरकार


प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार देश की सुरक्षा एवं विकास के लिए निश्चित रूप से बहुत बेहतरीन काम कर रही है। पूरी दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ रहा है। दुनिया के तमाम प्रभावशाली देश भारत की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ा रहे हैं। आम आदमी में सरकार एवं राजनीति के प्रति विश्वास बढ़ा है। देशवासियों को लगा है कि यह सरकार जन-भावनाओं की कद्र करने वाली है। सेनाओं का मनोबल लगातार बढ़ रहा है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कूटनीतिक रूप से भारत मजबूत हुआ है। इसी कारण पाकिस्तान लगातार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत के मुकाबले मात खा रहा है।

पूरी दुनिया में गिरती अर्थव्यवस्था के बावजूद भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में लगातार आगे बढ़ रहा है। विकास दर लगातार बढ़ती जा रही है। अनेक जन-कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से सरकार प्रत्येक क्षेत्रा में बेहतर कार्य कर रही है किंतु इन सबके बावजूद सरकार ‘अंत्योदय’ यानी समाज में अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति यानी गरीब से गरीब व्यक्ति के विकास एवं कल्याण पर ज्यादा फोकस कर रही है।

‘अंत्योदय’ का विकास पं. दीन दयाल उपाध्याय जी का सपना था। भारतीय जनता पार्टी की कार्य प्रणाली पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के आदर्शों पर आधारित है। 25 सितंबर को पंडित जी का जन्म दिवस था। चूंकि, पंडित जी का यह जन्म शताब्दी वर्ष होने के कारण भाजपा ने यह वर्ष पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के रूप में मनाने का संकल्प लिया है। इस उपलक्ष्य में पूरे वर्ष भर ‘अंत्योदय’ यानी गरीब लोगों के कल्याण हेतु कार्य किये जायेंगे। पंडित जी के इस जन्म शताब्दी वर्ष में यह जान लेना आश्यक है कि ‘अंत्योदय’ के बारे में उनकी क्या राय थी? पंडित दीन दयाल जी का सपना था, ‘‘जिस दिन हम गरीबों को पक्के घर दिला देंगे, जिस दिन हम उनके बच्चों को शिक्षित कर देंगे और जिस दिन हम उनको काम देकर उनका जीवन स्तर बेहतर कर देंगे, उस दिन हमरा मातृ भाव सही अर्थों में व्यक्त होगा।’’

‘अंत्योदय’ के बारे में पंडित जी का क्या सपना था, इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है? भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ‘अंत्योदय’ के विकास के लिए तमाम योजनाओं के माध्यम से कार्य कर रही है जिसका सीधा लाभ आम आदमी एवं गरीब लोगों को मिल रहा है। प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने स्वयं कहा है कि ‘हम सब पंडित दीन दयाल उपाध्याय के दिखाये मार्ग पर चलें और मिलकर एक ऐसे विकसित और न्यायपूर्ण भारत के उनके सपने को पूरा करें, जहां समाज के सर्वाधिक वंचित व्यक्ति की परवाह की जाती हो।

प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी की सरकार ने गरीबों एवं आम लोगों के कल्याण के लिए अनेकों जन-कल्याणकारी योजनाओं की शुरुआत की है जिसका सीधा लाभ देश के आम आदमी को मिल रहा है। जन-धन योजना के माध्यम से जनता की सुरक्षा बढ़ी है। पहले बैंकों में खाते खोलने के लिए तमाम तरह के पेपर एवं पैसे की आवश्यकता पड़ती थी किंतु इस सरकार ने आम आदमी के लिए बैंकों में खाते खोलने की प्रक्रिया को एकदम आसान और फ्री कर दिया, जिसका परिणाम है कि अब तक पूरे देश में 23 करोड़ से अधिक खाते खोले जा चुके हैं। इन खातों में गरीब लोगों ने 41 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे भी जमा करा दिये हैं। प्रधानमंत्राी उज्ज्वला योजना के तहत गरीब महिलाओं को मुफ्त एलपीजी गैस कनेक्शन दिये जा रहे हैं। प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी ने इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से की थी। इस येाजना के अंतर्गत अब तक 38 लाख बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन दिये जा चुके हैं।

किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं एवं अन्य वजहों से नुकसान न हो, इसके लिए फसल बीमा योजना प्रारंभ की गई है। कम प्रीमियम दर पर फसलों का बीमा किया जा रहा है। फसलों की 23 प्रतिशत के वर्तमान कवरेज को कुछ ही समय में 50 प्रतिशत बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। दीन दयाल उपाध्याय अंत्योदय योजना के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं को स्वयं सहायता समूह बनाने में मदद देकर उन्हें सशक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। अब तक 59 लाख परिवारों को इस योजना से जोड़ा जा चुका है। इस योजना का लाभ उठाकर महिलाएं स्वयं को आत्म निर्भर बनाने में लगी हैं और स्व-रोजगार के रास्ते पर लगातर अग्रसर हो रही हैं।

मुद्रा योजना के द्वारा बिना गारंटर के छोटे उद्यमियों को ऋण का प्रावधान किया गया है। इस योजना के माध्यम से 3 करोड़ 48 लाख से अधिक उद्यमी अब तक जुड़ चुके हैं। गरीबों को आवास देने में प्रधानमंत्राी आवास योजना निहायत ही कारगर साबित हो रही है। इस येाजना के द्वारा हर गरीब को घर देेने का संकल्प लिया गया है। इस योजना के अंतर्गत शहरों में दो करोड़ और गांवों में 1 करोड़ घरों के निर्माण का संकल्प लिया गया है।

यह सरकार प्रत्येक गांव में बिजली पहुंचाने के मिशन में लगी हुई है। दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना के अंतर्गत हर गांव में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य है।  इस योजना के तहत 404 दिनों में 10.279 गांवों तक बिजली पहुंचाई जा चुकी है। प्रधानमंत्राी कौशल विकास योजना के माध्यम से युवाओं को रोजगार योग्य कौशल देकर उनका जीवन बेहतर बनाने का लक्ष्य है। इस योजना के अंतर्गत 4 साल में 1 करोड़ युवाओं के कौशल बिकास का लक्ष्य रखा गया है। इसी प्रकार स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी का

महत्वपूर्ण अभियान है। इस अभियान के तहत 2.31 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया जा चुका है। प्रधानमंत्राी जी का स्पष्ट रूप से मानना है कि स्वच्छ भारत में ही स्वस्थ भारत का राज छिपा हुआ है। स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत प्रधानमंत्राी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जन्म दिन 02 अक्टूबर को सन् 2014 में की थी।

यदि आम आदमी के विकास की बात की जाये तो श्री अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली सरकार ने भी बहुत बेहतर कार्य किये थे। संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना की शुरुआत उन्हीं के समय हुई थी जिससे गरीबों का काफी कल्याण हुआ था। उस समय अंत्योदय योजना के माध्यम से गरीबों को बहुत व्यापक स्तर पर लाभ हुआ था। सर्व शिक्षा अभियान के माध्यम से वाजपेयी जी की सरकार ने हर घर में शिक्षा की ज्योति जलाने की अलख जगाई थी। किसान क्रेडिट सुविधा एवं कियानों को कम ब्याज दर पर ऋण देने का काम अटल जी की सरकार ने किया था।

प्रधानमंत्राी ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत देश के कोने-कोने तक सड़कों का जाल फैल गया था। श्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्पष्ट रूप से मानना था कि गाड़ी का पहिया जितना तेजी से दौड़ेगा, विकास की रफ्तार उतनी ही तेज होगी, यानी कि गांव-गांव तक जब सड़क पहुंच जायेंगी तो विकास की प्रक्रिया स्वतः तेज होने लगेगी। इस प्रकार देखा जाये तो स्पष्ट होता है कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली चाहे अभी की सरकार हो या पहले की ‘अंत्योदय’ यानी समाज के आखिरी छोर पर खड़े व्यक्ति को ही विकास के केन्द्र में रखा। भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली केन्द्र सरकार ने विकास कार्यों के अलावा जो सबसे महत्वपूर्ण कार्य किया है, वह है आम आदमी में राजनीति एवं सरकार के प्रति विश्वास बहाली का।

एनडीए सरकार के सत्ता में आने से पहले लोगों को लगता था कि सरकार का काम क्या सिर्फ घोटाले करना है? लोगों का सोचना अपनी जगह ठीक भी था। यूपीए के समय में आये दिन कोई न कोई घोटाला होता ही रहता था किंतु प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी की सरकार को ढाई साल हो चुके हैं किंतु अभी तक किसी भी घोटाले की खबर लोगों को सुनने को नहीं मिली है। विश्वास बहाली का एक उदाहरण प्रधानमंत्राी

द्वारा शुरू किये गये स्वच्छ भारत अभियान के रूप में लिया जा सकता है। प्रधानमंत्राी की अपील पर लोगों ने इस अभियान को बहुत ही व्यापक रूप से अपनाया। आज  उसका उदाहरण जगह-जगह देखने को मिल सकता है। सामाजिक संस्थाएं, स्कूल, काॅलेज एवं अन्य जगहों पर लोगों में साफ-सफाई के प्रति जागरूकता बढ़ी है। पहले लोग कूड़ा-करकट कहीं भी फेंक देते थे किंतु अब लोगों के व्यवहार में स्वच्छता को लेकर परिवर्तन आया है। सरकार ने एक अभियान यह भी चलाया है कि देश के आम आदमी को खुले में शौच से मुक्ति दिलायी जाये, इसके लिए लोगों को बहुत ही व्यापक स्तर पर जागरूक करने का काम हो रहा है। इस जागरूकता का लोगों पर क्या प्रभाव पड़ा, उसे कुछ उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है। महाराष्ट्र के वाशिम जिले के साईखेड़ा गांव की संगीता अठावले ने अपने घर में शौचालय बनवाने के लिए अपना मंगलसूत्रा तक बेच दिया। छत्तीसगढ़ के धमतारी जिले में स्थित कोटाभारी गांव की 104 वर्षीय वृद्धा कुंवर बाई ने घर में शौचालय निर्माण के लिए अपनी बकरियां बेच दी। कोलारस ब्लाॅक के गोपालपुरा गांव की आदिवासी दुल्हन प्रियंका अपनी ससुराल में शौचालय नहीं होने के चलते मायके लौट आई। आंध्र प्रदेश के गुंटूर जिले की एक मुस्लिम महिला ने अपनी नई बहू को उपहार में एक शौचालय दिया। तमाम ऐसे भी उदाहरण मिल जायेंगे कि घर में शौचालय न होने की वजह से लड़कियों ने शादी करने से इनकार कर दिया या फिर ससुराल जाने से मना कर दिया। आखिर यह सब क्या है? इसे ‘अंत्योदय’ का ही तो विकास कहा जायेगा। ‘अंत्योदय’ का विकास प्रत्यक्ष रूप से हो या अप्रत्यक्ष, लाभ तो आम आदमी को ही मिलता ही है।

इसी प्रकार प्रधानमंत्राी ने देशवासियों से बेटियों को पढ़ाने एवं बचाने की अपील की तो पूरा समाज आगे आ गया। इसका असर यह हो रहा है कि जिन इलाकों में लड़कियों की संख्या निहायत ही कम थी, अब वहां बढ़ने लगी है। बेटियों के प्रति लोगों की सोच में सकारात्मक परिवर्तन आया है। प्रधानमंत्राी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम के द्वारा आम जनता के दिल को छूने की कोशिश की है। इस मामले में उन्होंने आशातीत सफलता प्राप्त की है। इस प्रकार तमाम ऐसे कार्यक्रम हैं जो सीधे-सीधे ‘अंत्योदय’ को प्रभाववित करने वाले हैं। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि पंडित दीन दयाल उपाध्याय जयंती वर्ष में केन्द्र सरकार ने गरीबों के विकास एवं कल्याण के लिए समर्पित भाव से और अधिक कार्य करने का संकल्प लिया है। पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी के आदर्शों पर चलते हुए जिस प्रकार यह सरकार ‘अंत्योदय’ के विकास एवं कल्याण के लिए कार्य कर रही है, निश्चित रूप से उसके प्रयास ‘मील का पत्थर’ साबित होंगे।